COBRAK (Nagraj) - Download hindi comic for free
नाराज विसर्पी के नजदीक जाने के लिए नागराज डाकू कोबराक का छदम वेश धरता है.विसर्पी उसका यह भेद जान जाती है और नागराज को कोबराक के वेश में मन ही मन स्वीकार कर लेती है. दोनों ही एक दूसरे लुका छिपी का खेल खेलने लग जाते हैं. लेकिन यही खेल एक भयानक मोड़ ले लेता है तब जब एक शैतान कोबराक का वेश धर कर पहुंचता है विसर्पी के पास. इस खेल का रोमांच तब अपने चरम पर पहुँचता है जब कोबराक की मौत से पागल हुई नाग मानवी विसर्पी अपने नाग की मौत का बदला लेने के लिए ढूंढने निकलती है उसके हत्यारे नागराज को. अब मौत की तराजू के एक पलड़े में है विसर्पी की जिंदगी और दूसरे पलड़े मैं है नागराज की जिंदगी. इसी मृत्यु जंग पर आधारित है 20 -20 पेज की यह संयुक्त कॉमिक्स कोबराक और पागल नागिन.
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